ताजमहल
TAJMAHAL
प्यार की
निशानी माना जाने वाला TAJMAHAL अपनी भव्यता
और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन इसकी कहानी में कई
रहस्यमयी और अनसुने तथ्य छिपे हैं , जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस लेख में हम TAJMAHAL से जुड़े उन अनजाने तथ्यों पर चर्चा करेंगे , जो इसे और भी दिलचस्प बनाते हैं।
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## **1. TAJMAHAL का मूल रंग सफेद नहीं था**
TAJMAHAL का निर्माण
सफ़ेद संगमरमर से हुआ था , लेकिन समय के साथ प्रदूषण , पर्यावरणीय प्रभाव और अम्लीय वर्षा के कारण
इसका रंग धीरे-धीरे पीला पड़ने लगा है। ऐसा कहा जाता है कि
जब इसे बनाया गया था , तब यह चमकदार
सफ़ेद था और सूरज की रोशनी में अलग-अलग रंगों में दिखाई देता था।
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## **2. रात में बदल
जाता है TAJMAHAL का नजारा**
TAJMAHAL की खूबसूरती
दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी
बदलती है। पूर्णिमा की रात को यह अलग-अलग रंगों में नज़र
आता है। चांदनी में TAJMAHAL का संगमरमर
नीला , दूधिया और हल्का
गुलाबी रंग का आभास देता है। वैज्ञानिकों के अनुसार , ऐसा संगमरमर की खास संरचना के कारण होता है , जो रोशनी को परावर्तित कर देता है।
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## **3. TAJMAHAL का निर्माण रोकने की योजना
ऐसा माना जाता
है कि ब्रिटिश शासन के दौरान लॉर्ड विलियम बेंटिक ने TAJMAHAL को ध्वस्त करने और उसके संगमरमर को नीलाम
करने की योजना बनाई थी। उस समय ब्रिटिश सरकार को पैसों की जरूरत थी , लेकिन सौभाग्य से यह योजना पूरी नहीं हो सकी और TAJMAHAL आज भी खड़ा है।
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## **4. TAJMAHAL की मीनारें सीधी नहीं हैं**
अगर ध्यान से
देखा जाए तो TAJMAHAL की चारों
मीनारें पूरी तरह सीधी न होकर थोड़ी झुकी
हुई हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि किसी प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप के दौरान ये मीनारें मुख्य मकबरे पर गिरने की बजाय बाहर
की ओर गिरें और TAJMAHAL को नुकसान न
पहुंचे।
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## **5. शाहजहाँ ' काला TAJMAHAL ' बनवाना चाहता था**
कहा जाता है
कि शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज महल की कब्र के सामने यमुना नदी के दूसरी तरफ काले संगमरमर का TAJMAHAL बनवाना चाहते थे । लेकिन
औरंगजेब ने उन्हें सत्ता से हटा दिया , जिसके कारण यह योजना अधूरी रह गई। कुछ पुरातत्वविदों को इसके प्रमाण भी
मिले हैं।
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## **6. TAJMAHAL के गुम्बद पर सोने की परत**
शुरू में TAJMAHAL का मुख्य गुंबद सोने से ढका हुआ था , लेकिन समय के साथ इसे अंग्रेजों ने चुरा
लिया या हटा दिया। आज यह पीतल से ढका हुआ है।
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## **7. TAJMAHAL का मुख्य द्वार हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है।
TAJMAHAL के तहखाने
में कई गुप्त कमरे हैं , जिनके दरवाजे
हमेशा के लिए बंद कर दिए गए हैं। कहा जाता है कि इन कमरों में मुमताज की असली कब्र
हो सकती है , या इन्हें इसलिए बंद
कर दिया गया क्योंकि यहाँ का संगमरमर मिटने लगा था।
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## **8. TAJMAHAL की दीवारों पर अनोखी लेखनी**
TAJMAHAL की दीवारों
पर फ़ारसी और अरबी में कुरान की आयतें उकेरी गई हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये लेखन
इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि कोई भी व्यक्ति जो उन्हें देखेगा, उसे सभी अक्षर एक ही आकार के दिखेंगे , चाहे वे किसी भी ऊँचाई पर लिखे गए हों।
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## **9. TAJMAHAL का निर्माण एक विशेष तकनीक का उपयोग करके किया गया था**
TAJMAHAL के निर्माण
में इस्तेमाल की गई तकनीक अद्भुत थी। इसमें लकड़ी का आधार इस्तेमाल किया गया था , जो यमुना नदी के नम पानी के संपर्क में रहने
से मजबूत बना हुआ है। अगर यमुना नदी न होती तो TAJMAHAL की संरचना कमजोर हो सकती थी।
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## **10. TAJMAHAL के मजदूरों के साथ अन्याय ?
ऐसा कहा जाता
है कि TAJMAHAL के निर्माण
के बाद शाहजहाँ ने मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे ताकि इसे दोबारा न बनाया जा सके।
हालाँकि इस दावे का कोई ठोस सबूत नहीं है , लेकिन यह मिथक आज भी लोगों के बीच प्रचलित है।
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## **11. TAJMAHAL के निर्माण में 22 वर्ष लगे थे **
TAJMAHAL का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में 22 साल लगे । इस शानदार
स्मारक को बनाने में लगभग 20,000 कारीगरों ने काम किया।
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## **12. TAJMAHAL के मुख्य द्वार का रहस्य
TAJMAHAL का प्रवेश
द्वार इस तरह से बनाया गया है कि जब कोई व्यक्ति प्रवेश करता है तो TAJMAHAL बड़ा दिखाई देता है , लेकिन जब कोई पीछे मुड़कर देखता है तो वह धीरे-धीरे छोटा
दिखाई देने लगता है।
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## **13. TAJMAHAL के निर्माण में प्रयुक्त बहुमूल्य पत्थर**
TAJMAHAL की दीवारों
और मकबरे में कई तरह के कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था , जिन्हें भारत , तुर्की , तिब्बत , श्रीलंका और चीन से लाया गया था। इनमें से
कई कीमती पत्थर ब्रिटिश शासन के दौरान ले जाए गए थे।
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## **14. TAJMAHAL पर रंग बदलने वाला प्रभाव**
TAJMAHAL दिन के अलग-अलग समय पर अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है। सुबह में यह
गुलाबी , दोपहर में चमकीला सफ़ेद और शाम को हल्का सुनहरा दिखाई देता है। यह प्रभाव प्राकृतिक प्रकाश और संगमरमर के गुणों के कारण है।
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## **15. TAJMAHAL का असली मकबरा कहाँ है ?
TAJMAHAL में दिखाई
देने वाली संगमरमर की कब्रें असली नहीं हैं। मुमताज महल और शाहजहाँ की असली कब्रें TAJMAHAL के अंदर एक गुप्त तहखाने में स्थित हैं , जिन्हें आम जनता के लिए बंद रखा गया है।
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## **16. TAJMAHAL के संरक्षण की योजना**
TAJMAHAL को प्रदूषण
से बचाने के लिए इसके आसपास पेट्रोल और डीजल वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। आगरा में स्थित ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (टीटीज़ेड) एक ऐसा
क्षेत्र है , जहाँ TAJMAHAL को प्रदूषण से बचाने के लिए कड़े नियम लागू
किए गए हैं।
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## **17. TAJMAHAL पर हमले की आशंका**
पिछले कुछ
दशकों में खुफिया रिपोर्टों में कई बार TAJMAHAL पर आतंकी हमले की आशंका जताई गई है , जिसके चलते इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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## **18. ताज महल और
बृहदेश्वर मंदिर के बीच समानताएं**
तमिलनाडु के
तंजावुर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर और TAJMAHAL की स्थापत्य शैली में समानता है - दोनों में विशाल गुंबद हैं , जो बिना किसी सहारे के खड़े हैं।
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## **19. TAJMAHAL भारतीय वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है**
यद्यपि TAJMAHAL को मुख्यतः मुगल वास्तुकला का उदाहरण माना
जाता है , लेकिन इसमें फारसी , तुर्की , भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का प्रभाव भी झलकता है ।
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## **20. TAJMAHAL यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है**
1983 में TAJMAHAL को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के
रूप में मान्यता दी गई और इसे ' विश्व के सात आश्चर्यों ' में भी शामिल किया गया ।
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TAJMAHAL सिर्फ एक
मकबरा नहीं है , बल्कि यह
प्रेम , कला और वास्तुकला का अद्भुत संगम है। इन अज्ञात
तथ्यों को जानने के बाद TAJMAHAL की भव्यता और
इसकी रहस्यमयी कहानियाँ और भी दिलचस्प लगने लगती हैं।
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